8 अक्तूबर 2018

मंदिरों को तोड़ दो व ब्राह्मणो को सीमापार कर दो !

 विश्व में शांतीदूत बनकर सत्ता विस्तार करनेवाले पाश्च्यात्य समाज कहे या धर्म प्रचारको ने भारत-गोवा में पोर्तुगीज सत्ता स्थापित करने के पश्चात् किये अत्याचारो के यह पढ़िए प्रमाण :-

    "सरन्यायाधीश नोरोन्य ने लिखे ग्रंथ में लिखा है ,'८ मार्च १५४६ पोर्तुगाली राजा की ओर से आया फर्मान देखिये,'हिंदूं मंदिरों को तोड़ दो व ब्राह्मणो को सीमापार कर दो।' १५५७ गोवा के पादरियों ने गव्हर्नर को जो पत्र लिखा है उसमे वह कहते है,'भारत अपनी साम्राज्य सत्ता में रहे इसलिए ख्रिस्ती धर्म का प्रसार करो।



 मृत हिंदु की स्त्री तथा बच्चो ने ख्रिस्ती धर्म का स्वीकार नही किया तो,उनकी सम्पदा जप्त करो।.' पोर्तुगाल के राजाने जिस आर्चबिशप को भारत भेजा,वह लिखता है कि,गोवा के पाद्री क्रूर,निंद्य व विषयलोलुप है।अपनी इच्छा तृप्त न करनेवाली स्त्री को धर्म विरोधक कहकर जलाया जाता था।"

संदर्भ-दैनिक केसरी-पुणे दिनांक १६ जून १९५३ पं.सातवळेकर गुरूजी जो हिन्दू महासभाई थे।

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