1 अप्रैल 2016

श्रीराम लला निकट से दर्शन तथा तुलसी दल अर्पण- हिन्दू महासभा की गुहार !

 Press Note ;- 1 April 2016


श्रीराम नवमी को तथा हर माह की एकादशी को दर्शनार्थियों को श्रीराम लला ,रामकोट-अयोध्या में जन्मस्थान पर निकट से दर्शन तथा तुलसी दल अर्पण करने का सौभाग्य मिले ! सुप्रीम कोर्ट से पक्षकार हिन्दू महासभा की गुहार ! राष्ट्रिय प्रवक्ता हिन्दू महासभा प्रमोद पंडित जोशी
 * पर्शियन ग्रन्थ हदिका ए शहादा के लेखक मिर्झाजान ने सन १८५६ में पृष्ठ ७ पर लिखा है, "अयोध्या,मथुरा,वाराणसी में हिन्दुओ की आस्था जुडी हुई है।जिन्हें बाबर के आदेश से ध्वस्त करके मस्जिदे बनाई गयी।"
* ऑस्ट्रेलियन मिशनरी जोसेफ टायफेंथालेर सन १७६६-७१ के बिच अयोध्या-भारत भ्रमण कर वापस लौटा तब १७८५ में लिखे" हिस्ट्री एंड जिओग्राफी इंडिया" ग्रंथ में पृष्ठ २३५-२५४ पर लिखा है कि,"बाबर ने राम जन्मभूमि स्थित मंदिर ध्वस्त कर मस्जिद बनायीं ! उसमे मंदिर के स्तंभों का प्रयोग किया गया है।मुसलमानों के विरोध के पश्चात् भी हिन्दू वहा पूजा अर्चना के लिए आते है।इस परिसर में राम का पालना (राम चबुतरा) पर परिक्रमा की जाती है।देश के कोने कोने से यात्री आकर यहाँ धूमधाम से उत्सव मानते है।"
* हिस्टोरिकल स्केच ऑफ़ फ़ैजाबाद ग्रंथ के लेखक कार्नेजी सन १८७० में लिखते है,"राम जन्म मंदिर में काले पत्थर के वजनदार स्तंभ थे।उनपर सुंदर नक्काशिकाम किया गया था। उन्हें मंदिर गिराए जाने के पश्चात् मस्जिद में लगाया गया।" अनेक मुस्लिम विद्वानों के अनेक प्रमाण ग्रंथो में भी समान विचार है।

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